types of pearls (मोती के प्रकार)

Types of pearls

परिचय

मोती (pearls) या ‘मुक्ता’ एक कठोर पदार्थ है जो मुलायम ऊतकों वाले जीवों द्वारा पैदा किया जता है। रासायनिक रूप से मोती सूक्ष्म क्रिटलीय रूप में कैल्सियम कार्बोनेट है जो जीवों द्वारा संकेन्द्रीय स्तरों (concentric layers) में निक्षेप (डिपॉजिट) करके बनाया जाता है। आदर्श मोती उसे मानते हैं जो पूर्णतः गोल और चिकना हो, किन्तु अन्य आकार के मोती भी पाये जाते हैं। अच्छी गुणवत्ता वाले प्राकृतिक मोती प्राचीन काल से ही बहुत मूल्यवान रहे हैं। इनका रत्न के रूप में या सौन्दर्य प्रसाधन के रूप में उपयोग होता रहा है।(types of pearls)

मोती के प्रकार Types of pearls

1 . गजमुक्तक

यह विश्व का सर्वश्रेष्ठ मोती माना जाता है। यह हाथी के मस्तक से प्राप्त होता है। इसलिए इसका नाम गजमुक्ता रखा गया है। परन्तु यह मोती सभी हाथि के मस्तक से नहीं प्राप्त होता। यह मात्र उन्हीं हाथियों से प्राप्त होता है जिनका जन्म पुष्य या श्रवण नक्षत्र में सोमवार या रविवार के दिन सूर्य के उत्तरायण काल में होता है। गजमुक्ता हाथियों के दन्तकोषों व कुम्भस्थलों से भी प्राप्त होता है। ये मोती सुडौल स्निग्ध एवं तेजयुक्त होते हैं। इसको शुभ तिथि में धारण करने से सभी प्रकार के कष्ट शान्त होकर मन को शक्ति प्राप्त होती है। गजामुक्ता को न तो छेदना ही चाहिए और न इसकी कीमत ही लगानी चाहिए।

२. सर्पमुक्तक-

यह उच्चकोटि के वासुकि जाति के सर्प के मस्तक में पाया जाता है। जैसे-जैसे सर्प दीर्घायु होता
जाता है, वैसे-वैसे यह मोती हरे नीले रंग का तेजमय व अत्यन्त प्रभावशाली होता जाता है। यह मोती अत्यन्त ही भाग्यशाली पुरुष को भी अति दुर्लभता से प्राप्त होता है। शुभ तिथि में इसके धारण करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएँ शीघ्र पूरी होती हैं।

३. वंशमुक्तक-

यह बाँस में उत्पन्न होता है, जिस बाँस में यह मोती होता है उस बाँस में से स्वाति, पुष्य अथवा
श्रवण नक्षत्र के एक दिन पहले से ही विशेष प्रकार की आवाज निकलने लगती है तथा उस नक्षत्र की समाप्ति तक वेदध्वनि की तरह आवाज आती रहती है। उस बाँस को बीच से फाड़कर मोती निकाल लेते हैं। इसका रंग हल्का हरा तथा आकार में गोलाकार होता है। इसे के धारण करने से भाग्य उदय तथा अपार धन सम्पत्ति की प्राप्ति होती हैं तथा राज्यपक्ष व समाज में भी उच्चपद व प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।

४. शंख मुक्तक-

यह समुद्र में प्राप्त होने वाले पाञ्चजन्य नामक शंख की नाभि से प्राप्त होता है। इसका रंग हल्का नीला सुडौल और सुन्दर होता है । इस पर यज्ञोपवीत को भाँति तीन रेखाएँ अंकित रहती हैं । इसमें कोई चमक नहीं होती । इसके धारण करने से स्वास्थ्य व लक्ष्मी वर्द्धक तथा सभी प्रकार के कष्टों को दूर करने वाला होता है । इसे बींधना नहीं चाहिए ।

५ . शूकर मुक्तक-

यह मोती सूअर के मस्तिष्क में पाया जाता है । यह मोती पीत – वर्ण का गोल सुन्दर व चमकदार होता है । इसके धारण करने से स्मरण शक्ति व वाक् शक्ति की वृद्धि होती है । तथा इस मोती को धारण करने पर मात्र कन्या वाली । स्त्री के गर्भ निश्चय ही पुत्र लाभ होता है ।

६ . मीन मुक्तक –

यह मोती मछली के पेट से प्राप्त होता है । यह चने के आकार का पाण्डु रंग का चमकदार आभा युक्त होता है । इसको पहनकर पानी में डुबकी लगाने से पानी के अन्दर की वस्तुएँ साफ – साफ दिखाई देती हैं ।

७ . आकाश मुक्तक –

यह विद्युत की भाँति चमकदार एवम् गोल होता है । यह पुष्य नक्षत्र की घनघोर वर्षा में कहीं एकाध मोती गिरता है । इसके प्राप्त करने से मनुष्य भाग्यशाली एवं तेजस्वी , यशस्वी बनता है तथा अपार गुप्त सम्पत्ति को प्राप्त करता है ।

८ . मेघ मुक्तक –

रविवार के दिन पड़ने वाले पुष्य या श्रवण नक्षत्र की वर्षा में एक – दो मोती कहीं गिर पड़ता है । इसका रंग मेघवर्ण के सदृश्य श्यामवर्ण का चमकदार होता है , तथा यह सभी प्रकार के अभाव को दूर करता है ।

९ . सीप मुक्तक –

ये मोती सीप से प्राप्त होते हैं । इन्हें ही छेदा जाता है । स्वाति नक्षत्र में होने वाली वर्षा की बूंद यदि सीप में पड़ती है तो यह मोती बनता है। ये आकार में विभिन्न प्रकार के होते है- लम्बे,गोल,बेडौल ,सुडौल ,तीखे और चपटे। श्याम व बसरे की खाड़ी से प्राप्त मोती श्रेष्ठ होते है। बसरा का मोती हलके पीले वर्ण का मटमैला होता है। इसको धारण करना धन प्राप्ति, स्वास्थ्य वर्धक तथा सुख को देने वाला होता है।

Thanks for Reading The Types of pearls.

Leave a Reply

Open chat
1
Surprise🥳
Scan the code
Want a discount