कमल गट्टा (Kamal gatta) पूजा में महत्वपूर्ण रूप से उपयोग होता है। यह हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और इसे अनेक पूजा-अर्चना सामग्री में शामिल किया जाता है। कमल गट्टा को एक प्रकार का वनस्पति समझा जाता है, जिसके बीज और पुष्प अपार संख्या में होते हैं। इसलिए, यह मान्यता है कि यह भगवान् विष्णु की अतिरिक्त देवी लक्ष्मी का भी आवास होता है। यह एक प्राकृतिक आकर्षकता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
कमल गट्टे का प्रयोग पूजा में माला के रूप में किया जाता है। यह माला बनाने के लिए कमल गट्टे के बीजों को सूखा और फिर सुंदरता से बनाया जाता है। इस माला का धारण करने से प्रभावित होने वाले व्यक्ति को धार्मिक एवं आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं। इसे जप के दौरान या पूजा के समय मंत्रों के साथ घुमाया जाता है, जिससे मन को शांति और समाधान मिलता है। यह माला लक्ष्मी की कृपा और समृद्धि को आकर्षित करने में सहायक होती है और धार
ण करने वाले को आर्थिक और सामाजिक उन्नति प्रदान करती है।
कमल गट्टा (Kamal gatta) के बीजों के धारण से व्यक्ति को मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है और मन को शुद्ध और स्थिर बनाने में सहायता मिलती है। यह बीज सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में मदद करते हैं और शुभ विचारों को प्रोत्साहित करते हैं। कमल गट्टे के बीजों का नियमित जाप करने से व्यक्ति की मानसिक ताकत और सामर्थ्य में वृद्धि होती है। इसे धारण करने से आत्मविश्वास में सुधार होता है और व्यक्ति में सकारात्मकता का भाव उत्पन्न होता है।
कुल मिलाकर, कमल गट्टा पूजा में विशेष महत्वपूर्णता रखता है। यह आकर्षण, समृद्धि, सुंदरता, आध्यात्मिकता, और मानसिक शांति के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त करता है। इसे पूजा में जप, धारण या अर्चना के रूप में उपयोग किया जाता है ताकि धारण करने वाले को सकारात्मकता, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त हो सके।